सूर्य नमस्कार का अर्थ है, सूर्य को नमन या नमस्कार करना है। सूरज ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत है इसी वजह से प्राचीनकाल में ऋषि मुनि सूर्य की पूजा अर्चना करते थे। सूर्य को साक्षात देवता के रूप में हिंदू धर्म में माना जाता है।
सूर्य नमस्कार 12 ऐसे शक्तिशाली योग आसनों का एक ग्रुप है, जिसे करने से संपूर्ण शरीर के हिस्सों को लाभ मिलता है। यह एक बहुत उत्तम कार्डियो एक्सरसाइज भी है और सूर्य नमस्कार मन व शरीर दोनों को तंदुरुस्त रखता है। अगर आप योगा एक्सरसाइज करने का सोच रहे हैं तो सूर्य नमस्कार का अभ्यास आपके लिए सर्वश्रेष्ठ योगासन है।
योग, प्राणायाम और फिजिकल एक्सरसाइज न केवल शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है बल्कि यह मस्तिष्क को भी स्वस्थ रखता है। सूर्य नमस्कार के 12 योग हर रोज अभ्यास करने से मस्तिष्क सक्रिय व एकाग्र बनता है।
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सूर्य नमस्कार के फायदे | Benefits of Surya Namaskar
- शरीर को लचीला बना कर वजन प्रबंधन करता है।
- चयापचय क्रिया को सुधार कर कब्ज की समस्या को ठीक करता है।
- शारीरिक और मानसिक मजबूती प्रदान करता है।
- पाचन क्रिया को सुदृढ़ कर के स्वास्थ्यय में सुधार करता है।
- हड्डियों को मजबूत करके मसल्स को टोन करता है।
- कंधे, बाजु, पैर, कमर, हिप्स आदि की मांसपेशियों टोन करता है।
- सूर्य नमस्कार से शरीर मे रक्त संचार सुचारू रूप से होता है।
- वात, पित्त तथा कफ को संतुलित करके त्रिदोष निवारण में मदद करता है।
- सूर्य नमस्कार के नियमित अभ्यास से मोटापे को दूर किया जा सकता है। शरीर की अतिरिक्त चर्बी को घटाता है।
- सूर्य नमस्कार से विटामिन बी मिलती है जिससे हड्डियां मजबूत होती है।
सूर्य नमस्कार मंत्र | Surya Namaskar Mantra
॥ ॐ ध्येयः सदा सवित्र मण्डल मध्यवर्ती नारायण सरसिजा सनसन्नि विष्टः
केयूरवान मकरकुण्डलवान किरीटी हारी हिरण्मय वपुर धृतशंख चक्रः ॥
॥ ॐ मित्राय नमः ॥
॥ ॐ रवये नमः ॥
॥ ॐ सूर्याय नमः ॥
॥ ॐ भानवे नमः ॥
॥ ॐ खगाय नमः ॥
॥ ॐ पुष्णे नमः ॥
॥ ॐ हिरण्यगृभय नमः ॥
॥ ॐ मरिचये नमः ॥
॥ ॐ आदित्याय नमः ॥
॥ ॐ सवित्रे नमः ॥
॥ ॐ अकार्य नमः ॥
॥ ॐ भास्कराय नमः ॥
॥ ॐ श्रीसवित्रसूर्यनारायणाय नमः ॥
॥ आदित्यस्य नमस्कारन् ये कुर्वन्ति दिने दिने
आयुः प्रज्ञा बलम् वीर्यम् तेजस्तेशान् च जायते ॥
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Surya Namaskar Poses
सूर्य नमस्कार के 12 आसन | Surya Namaskar Steps
- प्रणाम आसन | The Prayer Pose
- हस्त उत्तानासन | Raised Arms Pose
- हस्तपाद आसान | Hand to Foot Pose
- अश्व संचालन आसन | Equestrian Pose
- दंडासन | Dandasana | Stick Pose
- अष्टांग नमस्कार | Ashtanga Namaskar (Salute With Eight Part or Point)
- भुजंगासन | Bhujangasana (Cobra Pose)
- अधोमुख शवासन | पर्वतासन | Mountain Pose
- अश्व संचालन आसन | Ashwa Sanchalanasana | Equestrian Pose
- पादहस्तासन | Hasta Padasana
- हस्त उत्तानासन | Hasta Uttanasana
- प्रणाम आसन | Prayer Pose
सूर्य नमस्कार करने की विधि | Surya Namaskar Method
सूर्य नमस्कार 12 योग आसनों से मिलकर बना होता है इसे प्रातः काल सूर्योदय के समय किया जाता है, यहां पर हम आपको स्टेप बाय स्टेप गाइड्स दे रहे हैं।
1. प्रणाम आसन | The Prayer Pose :-
सूर्य की तरफ चेहरा करके सीधे खड़े हो जाएं दोनों पैरों को मिलाएं, दोनों पैरों पर शरीर का वजन समान रूप से रखें। कमर व पीठ को सीधी रखें हाथ को सीने के पास लाकर दोनों हथेलियों को मिलाकर प्रणाम मुद्रा की अवस्था में खड़े हो जाएं।
2. हस्त उत्तानासन | Raised Arms Pose :-
प्रणाम आसन में खड़े होकर अपने हाथों को सिर के ऊपर उठाकर सीधा रखें, आपकी बाद में कानों के समीप रखें। अब हाथों को सांस लेते हुए उसी अवस्था में पीछे की ओर लेकर जाएं और कमर की तरफ झुकाएं।
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3. पादहस्तासन | Hand to Foot Pose :-
अब धीरे-धीरे सांस को छोड़ते हुए आगे की ओर झुके, ऐसा करते समय पैरों की उंगलियों को छुए और आपका सर घुटनों से मिला होना चाहिए।
4. अश्व संचालन आसन | Equestrian Pose :-
अब धीरे-धीरे सांस लें और दाहिने पैर को पीछे की तरफ फैलाएं, पैर का घुटना जमीन से मिला होना चाहिए। अब दूसरे पैर को घुटने से मोड़ें व हथेलियों को जमीन पर सीधा रखें। अपने सर को आसमान की ओर रखें। सुनिश्चित करें कि बायां पैर दोनों हथेलियों के बीच में हो।
5. दंडासन | Dandasana | Stick Pose :-
सास को छोड़ते हुए दोनों पैरों को पीछे की तरफ सीधी लाइन में रखें और दंडासन (Push Up) की पोजीशन में आ जाएं।
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6. अष्टांग नमस्कार | Ashtanga Namaskar (Salute With Eight Part or Point) :-
अब स्वास लेते हुए अपनी हथेलियां, सीना, घुटना व पैर के पंजे को जमीन से मिलाएं। इस अवस्था में सांस को रोक कर रखें। इस अवस्था में दो हाथ, दो पैर, दो घुटने, छाती व चेहरा, यह शरीर के आठ अंग जमीन को छू रहे होंगे।
7. भुजंगासन | Bhujangasana (Cobra Pose) :-
अब इस अवस्था में हथेलियों को वहीं जमीन पर रखें और सीने व सिर को सांस लेते हुए आसमान की ओर जितना हो सके लेकर जाएं। कोशिश करें कि कोहनी सीधी रहें।
8. अधोमुख शवासन | पर्वतासन | Mountain Pose :-
इस आसन को पर्वतासन भी कहा जाता है। इसके लिए अपने पैरों को जमीन पर सीधा रखें और कुल्ले को ऊपर की ओर उठाएं सांस छोड़ते हुए कंधों को नीचे सीधा रखें और सिर को अंदर की तरफ रखें। इस आसन में हमारा शरीर एक पर्वत के आकार में हो जाता है। कोशिश करें एड़ियां जमीन पर ही सीधी रहे और रीड के निचले हिस्से को ऊपर की ओर उठाने का प्रयास करें इससे खिंचाई में गहराई को अनुभव करें।
9. अश्व संचालन आसन | | Ashwa Sanchalanasana | Equestrian Pose :-
अब धीरे-धीरे सांस लें और बाएं पैर पीछे की ओर फैलाएं बाएं पैर का घुटना जमीन से मिलना चाहिए, और दूसरा पैर को घुटने से मोड़कर, हथेलियों को जमीन पर सीधा रखें। सिर को जितना हो सके आसमान की तरफ रखें। ध्यान रखें दाहिना पैर दोनों हाथों के बीच में रहे।
10. पादहस्तासन | Hasta Padasana :-
अब धीरे-धीरे सांस को छोड़ते हुए आगे की ओर झुके, ऐसा करते समय पैरों की उंगलियों को छुए और आपका सर घुटनों से मिला होना चाहिए।
11. हस्त उत्तानासन | Hasta Uttanasana :-
पहली अवस्था के भांति ही खड़े होकर अपने हाथों को सिर के ऊपर से उठाकर सीधा रखें और हाथों को प्रणाम आसन की अवस्था में ही पीछे की ओर ले जाएं, कमर को पीछे की तरफ झुकाएं, इस दौरान आपका शरीर अर्धचंद्राकार का बन जाएगा। इस आसन को अर्ध चंद्रासन भी कहा जाता है।
12. प्रणाम आसन | Prayer Pose :-
अब फिर पुनः सूरज की तरफ चेहरा करके सीधे खड़ी हो और दोनों पैरों को मिलाएं कमर सीधी रखें और अपने दोनों हाथों को सीने के पास लाकर दोनों हथेलियों को जोड़कर प्रणाम की अवस्था में खड़े हो जाएं।
सूर्य नमस्कार करते समय ध्यान रखने वाली सावधानियां | Precautions to be taken while doing Surya Namaskar
- सूर्य नमस्कार सुबह की ताजी हवा में खाली पेट ही करना चाहिए।
- शुरुआत में सूर्य नमस्कार को धीरे धीरे करना चाहिए जब आपका शरीर लचीला बन जाता है तो आप इसकी स्पीड को बढ़ा सकते हैं।
- अगर आपके बॉडी में हड्डी का दर्द है अथवा कोई चोट लगी हुई है तो विशेषज्ञ की सलाह लेने के बाद ही सूर्य नमस्कार करें।
सूर्य नमस्कार अथवा दूसरे अन्य योग आसन आदि करने के पश्चात योग निद्रा में पूर्ण विश्राम अवश्य करें। ऐसा करने से आपको प्रसन्न शांति सुस्ती स्फूर्ति का अनुभव होगा और शरीर में एक ऊर्जा का प्रवाह महसूस होगा।
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