Covishield v/s Covaxin के बारे में जानिए विस्तार से | Know more About Covishield Vaccine and Covaxin Vaccine in Hindi

कोरोना महामारी (Covid-19) से पूरी दुनिया ग्रसित हो गई है। इस बीमारी की वैक्सीन को बनाने में वैज्ञानिकों को लगभग 1 साल लग गया। शुरुआती दौर में 45 वर्ष से अधिक आयु वालों को ही वैक्सीन का टीका लगाया जा रहा था। अब 1 मई से 18 वर्ष से अधिक आयु वालों का टीकाकरण किया जाएगा। टीका लगवाने से पहले आपको इन दोनों वैक्सीन के बारे में जानना बहुत जरूरी है।

Covishield vs Covaxin
Covishield vs Covaxin vaccine

इस बीमारी की वैक्सीन पूर्णतः भारत में विकसित की गयी है। शुरुआती दौर में किए गए जांच एवम् परीक्षण में यह दोनों वैक्सीन प्रभावी पाई गई है। 1 मई से भारत में 18 वर्ष से अधिक उम्र वालों का टीकाकरण किए जाने की घोषणा की गई है, वहीं पूरे देश भर में सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन निशुल्क लगाई जा रही है और प्राइवेट हॉस्पिटल में वैक्सिंग के चार्ज देने पड़ते हैं।

कोरोना की वैक्सीन लगवाने से पहले आपको यह जानना जरूरी है कि कौन सी वैक्सीन लगानी चाहिए। आइए जानते हैं दोनों वैक्सीन के बारे में विस्तार से :-

कोविशील्ड वैक्सीन | Covishield Vaccine in Hindi

ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन का निर्माण सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया गया है। इस वैक्सीन को एडिनोवायरस के ऊपर SARS-CoV-2 की स्पाइन प्रोटीन का जेनेटिक मेटेरियल लगाकर बनाया गया है।

कोविशील्ड वैक्सीन कैसे काम करती है | How Covishield Vaccine Works

जब आपको वैक्सीन की डोज लगती है तो आपके शरीर में रोग प्रतिरोधक प्रणाली एंटीबॉडी उत्पादन करना शुरू कर देता है, जिससे कोरोना वायरस के संक्रमण पर वह आप को सुरक्षित रखता है।

प्रभाविकता | Efficacy

कोविशील्ड की सामान्यतः efficacy 70-75 प्रतिशत है। हालांकि यह कंप्लीट डोज लगने के बाद 90% से अधिक हो सकती है। पहली डोज लगाने के 45 दिन के बाद दूसरी डोज लगाई जाती है।

स्टोरेज | Storage

कोविशील्ड वैक्सीन को 2-8 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर स्टोर किया जाता है। इस तापमान पर इसे स्टोर करने के कारण ट्रांसपोर्टेशन में भी कठिनाई नहीं होती है।

कीमत | Price

सीरम इंस्टीट्यूट यह वैक्सीन राज्यों को एक डोज ₹400 में और अस्पतालों को एक डोज ₹600 में देगी। वहीं केंद्र सरकार को यह डोज ₹150 रुपए में मिलेगी।

मात्रा | Dose

कोविशील्ड वैक्सीन की प्रत्येक डोज 0.5ml की होती है। अर्थार्थ प्रथम डोज 0.5ml व द्वितीय डोज 0.5ml टोटल। टोटल 1ml का कंप्लीट वैक्सीनेशन का डोज है।

कोवैक्सिन वैक्सीन | Covaxine Vaccine in Hindi

इस वैक्सीन को भारतीय कंपनी भारत बायोटेक और आईसीएमआर ने विकसित किया है। यह वैक्सीन मृत/निष्क्रिय कोरोना वायरस से बनाई गई है। इसमें इम्यून सेल्स कोरोना वायरस के खिलाफ एंटी बॉडी बनाने में इम्यूनिटी सिस्टम को प्रेरित करता है।

कोवैक्सिन वैक्सीन कैसे काम करती है | How Covaxine Vaccine Works

न्यूयार्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार डिलीवरी के समय वैक्सीन SARS-CoV-2 कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनाने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को तैयार करता है। यह एंटीबॉडी वायरल प्रोटीन से जुड़ा होता है जो कोरोना वायरस के लिए प्रतिरोधक क्षमता तैयार करता है।

प्रभाविकता | Efficacy

कोवैक्सिन के शुरुआती टेस्टिंग के दौरान इसे 80% प्रभावी पाया गया है व कंप्लीट डोज लेने के बाद में कुछ जगह इसे 100% प्रभावी पाया गया है।

स्टोरेज | Storage

कोवैक्सिन को भी 2-8 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर स्टोर किया जाता है। इस तापमान पर इसे स्टोर करने के कारण ट्रांसपोर्टेशन में भी कठिनाई नहीं होती है। छोटे-छोटे वैक्सीनेशन सेंटर पर भी इस तापमान पर आसानी से स्टोर किया जा सकता है।

कीमत | Price

कोवैक्सिन की कीमत राज्यों के लिए एक डोज ₹600 और अस्पतालों के लिए एक डोज ₹1200 होगी। वहीं केंद्र सरकार यह डोज ₹150 रुपए में खरीदती है।

मात्रा | Dose

कोवैक्सिन वैक्सीन की प्रत्येक डोज 0.5ml की होती है। अर्थार्थ प्रथम डोज 0.5ml व द्वितीय डोज 0.5ml टोटल। टोटल 1ml का कंप्लीट वैक्सीनेशन का डोज है।

वैक्सीनेशन के दौरान ध्यान रखने वाली बातें | Things to keep in Mind During Vaccination

  • वैक्सीन लगवाने से पहले आधार कार्ड के द्वारा पंजीकरण करना आवश्यक है। इसके लिए आप ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं अथवा वैक्सीनेशन सेंटर पर जाकर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।
  • वैक्सीन लगवाने से पहले अपने स्वास्थ्य से संबंधित समस्या व बीमारियों की जानकारी जरूर दें।
  • टीका बाजू पर लगाया जाता है।
  • टीका लगवाने के बाद 30 मिनट तक वहीं बैठना चाहिए। उस दौरान अगर कोई तकलीफ महसूस होती हो तो तुरंत डॉक्टर को जानकारी देनी चाहिए।
  • टीका लगवाने के बाद 2 दिन तक हल्की सी थकावट व बुखार महसूस हो सकता है। लेकिन इसकी संभावना सिर्फ 2-4% ही है। अगर आपको ऐसा कुछ महसूस होता है तो डॉक्टर की सलाह पर पेरासिटामोल टेबलेट ले सकते हैं।
  • सामान्यतः 96 से 98 प्रतिशत लोगों को किसी भी तरह की कोई भी समस्या नहीं होती है।
  • भारत में निर्मित यह दोनों वैक्सीन ही प्रभावी व सुरक्षित है। अतः सब लोगों को वैक्सीन का टीका लगवाना बहुत जरूरी है।
  • वैक्सीन लगवाने के बाद अगर किसी को कोरोना संक्रमण होता भी है तो वह जानलेवा नहीं होता और बगैर हॉस्पिटल गए घर पर ठीक हो सकता है।

यहां से करें वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन

18 वर्ष से अधिक उम्र वालों के लिए वैक्सीन का रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुका है, इसके लिए आपको गवर्मेंट की वेबसाइट https://www.cowin.gov.in/ पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।

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